وَ مَنۡ یُّوَلِّہِمۡ یَوۡمَئِذٍ دُبُرَہٗۤ اِلَّا مُتَحَرِّفًا لِّقِتَالٍ اَوۡ مُتَحَیِّزًا اِلٰی فِئَۃٍ فَقَدۡ بَآءَ بِغَضَبٍ مِّنَ اللّٰہِ وَ مَاۡوٰىہُ جَہَنَّمُ ؕ وَ بِئۡسَ الۡمَصِیۡرُ ﴿۱۶﴾
16. اور جو شخص اس دن ان سے پیٹھ پھیرے گا، سوائے اس کے جو جنگ (ہی) کے لئے کوئی داؤ چل رہا ہو یا اپنے (ہی) کسی لشکر سے (تعاون کے لئے) ملنا چاہتا ہو، تو واقعتاً وہ اللہ کے غضب کے ساتھ پلٹا اور اس کا ٹھکانا دوزخ ہے، اور وہ (بہت ہی) برا ٹھکانا ہےo
16. And he who turns his back on them that day, except he who is maneuvering in the fight, or he who wants to join one of his own troops (for support), certainly he returns with the wrath of Allah and Hell is his abode and that is (the most) evil abode.
16. Waman yuwallihim yawmaithin duburahu illa mutaharrifan liqitalin aw mutahayyizan ila fiatin faqad baa bighadabin mina Allahi wamawahu jahannamu wabisa almaseeru
16. Og den som vender ryggen til dem på den dagen, unntatt den som gjør avledningsmanøver i krigen eller ønsker å forene seg med sin egen tropp (for støtte), (den som utenom dette vender ryggen til i flukt), vil uten tvil vende tilbake med Allahs vrede, og hans bolig er helvete. Og det er en svært ille avslutning på ferden.
16. और जो शख़्स उस दिन उनसे पीठ फेरेगा, सिवाए उसके जो जंग (ही) के लिए कोई दाव चल रहा हो या अपने (ही) किसी लश्कर से (तआवुन के लिए) मिलना चाहता हो, तो वाक़िअ़तन वोह अल्लाह के ग़ज़ब के साथ पलटा और उसका ठिकाना दोज़ख़ है, और वोह (बहुत ही) बुरा ठिकाना है।
১৬. আর সেদিন যে ব্যক্তি রণকৌশল অথবা (সাহায্যের জন্যে) নিজের(ই) কোনো বাহিনীর সাথে যুক্ত হতে চাওয়া ব্যতীত তাদেরকে পৃষ্ঠ প্রদর্শন করে, তবে নিশ্চয় সে আল্লাহ্র ক্রোধ নিয়ে ফিরে যায় এবং তার ঠিকানা জাহান্নাম। আর তা (সবচেয়ে) নিকৃষ্ট ঠিকানা।
ومن يولهم يومئذ دبره إلا متحرفا لقتال أو متحيزا إلى فئة فقد باء بغضب من الله ومأواه جهنم وبئس المصير